ये बात उस वक्त की है जब मीठी सात वर्ष की है। उसके घर में बहुत से लोग है, वो घर में सबकी लाडली है ।पर समय सबके साथ अजीबो-गरीब खेल खेलता रहता है, कुछ इसी तरह मीठी के साथ भी हुआ। मीठी अभी सात साल की है आज उसका आठ वां जन्म दिवस है बह बहुत खुश है। पापा ने बहुत बड़ी पार्टी रखी है उसका छोटा भाई और एक बड़ी दीदी भी है जो बारह वर्ष की है, घर पर बहुत से मेहमान आए है सब पार्टी में मस्त है मीठी की माँ रसोईघर में है, तभी एक जोर दार धमाके की आवाज़ होती है सब एक तक घर के अंदर देखते हैं पर अंधेरे में कुछ भी नहीं दिखता अचानक से भाग दौड़ हो जाती है । मीठी ये सब एक तक देख रही है उसकी तरह किसी का भी ध्यान नहीं गया सब आग बुझाने में लगे है । तभी मीठी की बड़ी माँ उसको और उसके बहन भाई को दूसरे पड़ोसी के यहां छोड़ आती है। मीठी उधर से भी अपने घर को देख रही होती है, तभी कुछ अजीब सा उसके मन और दिमाग को हिला देता है, एक सफेद गाड़ी जिसके ऊपर एक लाल बत्ती लगी है उसमें से दो लोग निकले और उसकी प्यारी माँ को ले जा रहे है। वो ये सब देख कर अपनी दीदी से बोलती है। दीदी ये लोग माँ को ले जा रहे है, कहां जा रहे है....?
उसकी दीदी उसको गले लगा लेती हैं और उसको बोलती हैं मम्मी सुबह आयेगी शायद कुछ काम होगा उनको इसी लिए जा रहीं है तुम सो जाओ उसकी दीदी दोनों छोटे भाई बहन को सुला देती है, सुबह मीठी की आंखे खुलती है अपने मुह से जब धीरे धीरे वो कंबल हटता है उसके मुह से एक आवाज निकलती है कि माँ थोड़ी देर और सोने दो पर। जब उसके कान में जब हल्की, हल्की चीखें आती है और बह चीखें कुछ इस तरह बड़ती जाती है कि बेचारी फिर से सो ही नहीं पाती बह उठ जाती है और बाहर की तरफ डरी और सहमी सी अपने नन्हें, नन्हें कदम उठाती बाहर की तरफ आती है। और.......
देखती है उसकी माँ को दस बारह औरत घेरे बैठ रहीं है कुछ आती है कुछ जाती है कुछ उसकी दीदी को चुप कराते हुए बोलती है कि बेटा तुम रोती रहोगी तो भाई बहन को कौन संभालेगा। इसी बीच वो अपने भाई को अपनी सहमी सी आँखों से खोजती है पर भाई दिखाई नहीं देता तभी उसकी नजर पापा पर जाती उसके पापा बहुत से लोगों से घिरे बेठे है उनकी आँख से हल्के आंसू निकल रहे हैं। मीठी को कुछ भी समझ नहीं आता है। उसको अपनी माँ के पास जाने की इक्षा हुई पर उसकी बड़ी माँ ने उसे रोक दिया उसको उठाया और कमरे में ले गयी । मीठी अपनी बड़ी माँ से पूछती है माँ मम्मी कब आएँगी। बड़ी माँ उसको गले लगा के बहुत रोती हैं बहुत रोती हैं, पर कुछ बोलती नहीं कुछ दिन बीत जाते है सब लोग आते है खाना खाते है उसकी बहन को कुछ पेसे देते है और कहते है कि अपने बहन भाई का ख्याल रहना तभी मीठी के मन में एक बात आती है कि सब लोग आते है पेसे देते है दीदी को बोलते हैं कि भाई बहन ख्याल रखना कोई उसकी दीदी को ये नहीं बोलता की बेटा अपना भी ख्याल रखो।
मीठी अपनी दीदी के पास जाती है और कहती है दीदी माँ कब आयेगी ये हमारे घर मे आज किसका जन्मदिन है जो दावत आज भी है लोग आपको पेसे क्यूँ दे रहे है। उसकी दीदी वो पेसे उसको दे कर बोलती है कि सब लोग पेसे दे रहे है ताकि हम पेसे लेकर छोटे बच्चे की तरह मम्मी को भूल जाए। ये पेसे माँ को भूलने के लिए है उसकी दीदी ये सब मन में सोच रहीं होती है तभी एक आवाज फिर आती है दीदी माँ कब आयेगी कुछ बोल ना ।
आज मीठी सोलह साल की हो गयी है जब भी वो सफेद रंग की गाड़ी उसके घर के पास से होकर जाती है तो बह भाग के जाती है और देखती है कि कहीं उसकी माँ तो नहीं आ गयी!
दीक्षा दीक्षित
उत्तर प्रदेश मथुरा